

🚨 बोकारो की शांत सड़कों पर चोरी का तेज़ रफ्तार खेल… अब सलाखों के पीछे!
रात के अंधेरे में जब पूरा शहर नींद में था, तब कुछ बाइकें फर्राटा भर रही थीं — लेकिन ये बाइकें किसी मंज़िल के लिए नहीं, जेल की सलाखों की ओर बढ़ रही थीं।
बोकारो पुलिस ने एक ऐसे बाइक चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो बीते कुछ महीनों से शहर में दहशत का कारण बना हुआ था।
🎯 कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस अधीक्षक हरविंदर सिंह को मिली एक गुप्त सूचना ने इस पूरे रैकेट को बेनकाब करने की शुरुआत की। सूचना मिली थी कि बोकारो शहरी क्षेत्र में एक सक्रिय मोटरसाइकिल चोरों का गिरोह घूम रहा है, और किसी बड़ी चोरी की योजना बना रहा है।
DSP आलोक रंजन के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई गई।
12/13 जुलाई की रात सेक्टर 9 के बसंती मोड़ के पास जब वाहन चेकिंग चल रही थी, तब सेक्टर 4 से आ रही एक संदिग्ध मोटरसाइकिल पुलिस को देखकर वापस भागने लगी।
लेकिन पुलिस ने उन्हें घेराबंदी कर मौके पर ही धर दबोचा।
🧠 पूछताछ में खुला बड़ा राज
पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया कि वे और उनके साथी लंबे समय से शहर के विभिन्न क्षेत्रों से मोटरसाइकिल चुराकर बेचते रहे हैं।
पुलिस की छापेमारी में 13 चोरी की बाइकें बरामद हुईं, जिनमें 6 बाइकें धनबाद के गेंदुडीह ओपी क्षेत्र से जब्त की गईं।
🔎 कौन हैं गिरफ़्त में आए आरोपी?
- अविनाश कुमार पांडे उर्फ जट्टा (पूर्व आपराधिक इतिहास)
- प्रकाश कुमार घासी उर्फ साबूमा
- अंकित कुमार उर्फ चंगू
- कुंदन यादव (धनबाद निवासी, बाइक बेचने का नेटवर्क संभालता था)
👉 इन चारों के खिलाफ विभिन्न थानों में कई शिकायतें दर्ज हैं, और अब इनका अपराध नेटवर्क धीरे-धीरे खुल रहा है।
🛵 चोरी की बाइक से होता था अवैध कोयले का ट्रांसपोर्ट!

एक और चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि इन चोरों की चोरी की बाइक का उपयोग केवल ट्रांसपोर्ट या स्टाइल स्टेटमेंट के लिए नहीं, बल्कि अवैध कोयला ढुलाई के लिए भी होता था।
कुंदन यादव इस गिरोह के लिए लाइनर का काम करता था — चोरी की बाइक धनबाद मंगवाता और उन्हें बेचकर अपना कमीशन लेता था।
🔥 सवाल जो उठ रहे हैं:
- क्या बोकारो में एक बड़ा मोटरसाइकिल माफिया नेटवर्क चल रहा है?
- क्या इन चोरी की बाइकों का इस्तेमाल चुनाव प्रचार या आपराधिक घटनाओं में हो रहा था?
- क्या इसके पीछे अंतरराज्यीय गैंग सक्रिय है?
DSP आलोक रंजन का साफ कहना है — “ये तो सिर्फ शुरुआत है, असली गिरोह का जाल अब खुलने वाला है।”
🛑 पुलिस की जीत, लेकिन खतरा अभी बाकी है!
बोकारो पुलिस की यह कार्रवाई सराहनीय है — लेकिन इससे यह भी साफ होता है कि शहर की सड़कों पर चोरी का सिंडिकेट बेधड़क घूम रहा था।
आम जनता को चाहिए कि वो सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।