
अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन चास: 50 वर्षों की गौरवगाथा

🚩 नारी शक्ति का महापर्व! चास में स्वर्ण जयंती समारोह का भव्य आयोजन
चास, झारखंड: अखिल भारतीय मारवाड़ी महिला सम्मेलन, चास की स्थापना को 50 वर्ष पूरे हो गए हैं। सन 1975 में जब यह संगठन बना था, तब समाज में महिलाओं को उतनी स्वतंत्रता और अवसर नहीं मिलते थे। लेकिन इस संगठन ने महिलाओं को एक मंच दिया, उनके अधिकारों के लिए आवाज उठाई और समाज सेवा में अग्रणी भूमिका निभाई।
आज, जब यह संगठन अपनी स्वर्ण जयंती मना रहा है, तो यह केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि महिला सशक्तिकरण की एक प्रेरणादायक यात्रा का प्रतीक है। इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि जब महिलाएं एकजुट होती हैं, तो वे समाज को एक नई दिशा दे सकती हैं।
स्वर्ण जयंती समारोह की भव्य शुरुआत
शोभायात्रा: शक्ति और संस्कृति का संगम

स्वर्ण जयंती समारोह की शुरुआत एक भव्य शोभायात्रा से हुई, जिसमें महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी झांकियों के साथ भाग लिया। राष्ट्रीय ध्वज और मशाल के साथ निकली इस यात्रा ने पूरे शहर में ऊर्जा और उमंग का माहौल बना दिया।
प्रमुख झांकियां:
✅ अग्रसेन महाराज जी की झांकी – जो संगठन की जड़ों और मूल्यों को दर्शाती थी।
✅ “नारी शक्ति, राष्ट्र शक्ति” की झलक – जिसमें महिलाओं ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानियों को जीवंत किया।
✅ राजस्थानी पारंपरिक लोकनृत्य – जिसमें महिलाओं ने रंग-बिरंगे परिधानों में घूमर और अन्य नृत्य प्रस्तुत किए।
यह शोभायात्रा महिला शक्ति का एक जीवंत उदाहरण बनी, जिसने चास शहर को प्रेरित किया और पूरे प्रदेश में एक सकारात्मक संदेश भेजा।
मुख्य समारोह: अतिथियों का सम्मान और प्रेरणादायक संबोधन
शोभायात्रा के बाद मुख्य समारोह मारवाड़ी पंचायत भवन में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत गणेश वंदना और ओम उच्चारण से हुई। यह आयोजन न केवल एक सामाजिक उत्सव था, बल्कि महिलाओं की संघर्ष यात्रा का उत्सव भी था।
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
🌸 राष्ट्रीय अध्यक्ष: अंजू सरावगी
🌸 राष्ट्रीय सचिव: निशा जी
🌸 प्रांतीय अध्यक्ष: मंजू बगड़िया
🌸 प्रांतीय सचिव: साधना
🌸 चास नगर पालिका की प्रथम महिला मेयर: गंगा भालोटिया
🎗️ सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ, माला और दुपट्टा देकर भव्य स्वागत किया गया।
🎤 राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू सरावगी का जोशीला संबोधन:
- “महिलाएं अगर ठान लें तो असंभव कुछ भी नहीं। हम समाज में अब किसी से पीछे नहीं हैं। बस हमें अपने हुनर को पहचानना है और आगे बढ़ना है।”
- “हमें आरक्षण की जरूरत नहीं, हमें अपनी काबिलियत से अपनी जगह बनानी है। जब नारी ठान ले तो पूरा विश्व उसकी शक्ति को नमन करता है।”
🔥 मशाल प्रज्वलन और विशेष सम्मान

समारोह के दौरान शाखा अध्यक्ष अंबिका हेमका ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को एक जलती मशाल सौंपी। यह मशाल इस संगठन की संघर्ष यात्रा, साहस और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक बनी।
इसके अलावा, समाज सेवा में विशेष योगदान देने वाली महिलाओं को “नारी शक्ति सम्मान” से सम्मानित किया गया, जिसमें चास नगर पालिका की प्रथम महिला मेयर गंगा भालोटिया को विशेष रूप से सम्मानित किया गया।
संस्कृतिक कार्यक्रम: रंगारंग प्रस्तुतियों से सजी शाम
💃 स्वागत नृत्य:
नीलम हेलीवाल और प्रतीक्षा अग्रवाल ने पारंपरिक राजस्थानी लोकनृत्य प्रस्तुत किया, जिसने उपस्थित सभी लोगों का मन मोह लिया।
🎭 रंगारंग प्रस्तुतियां:
🔹 घूमर नृत्य
🔹 फूलों की होली
🔹 महिला सशक्तिकरण पर आधारित नाटक
🔹 प्रेरणादायक कविताएं और गीत
🎂 केक काटकर खुशी मनाई गई
स्वर्ण जयंती के इस शुभ अवसर पर एक भव्य केक काटने का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी महिलाओं ने मिलकर इस ऐतिहासिक पल को संजोया।
सशक्तिकरण का संदेश: हर नारी बने सशक्त और आत्मनिर्भर
🔸 राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजू सरावगी ने अपने उद्बोधन में कहा:
“जब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं, जब उन्हें अधिकार नहीं दिया जाता था, तब इस संगठन की नींव रखी गई थी। आज हम 50 वर्षों की इस उपलब्धि को मना रहे हैं, जो न केवल संगठन की सफलता बल्कि समाज में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का भी प्रतीक है।”
🔹 महिलाओं को संदेश:
✅ अपने हुनर को पहचानें और उसे निखारें।
✅ समाज सेवा में बढ़-चढ़कर भाग लें।
✅ आत्मनिर्भर बनें और किसी पर निर्भर न रहें।
✅ खुद को आरक्षण का मोहताज न बनाएं, बल्कि अपनी काबिलियत से अपनी जगह बनाएं।
✅ अपने आत्मसम्मान और आत्मविश्वास को बनाए रखें।
💡 “महिलाएं केवल अपने अधिकारों की मांग न करें, बल्कि अपनी योग्यता और आत्मनिर्भरता से समाज में अपनी पहचान बनाएं!”
स्वर्ण जयंती समारोह का ऐतिहासिक महत्व
यह आयोजन केवल एक वार्षिक उत्सव नहीं था, बल्कि यह मारवाड़ी महिला सम्मेलन की पचास वर्षों की गौरवगाथा का जश्न था। इस सम्मेलन ने यह साबित कर दिया कि जब महिलाएं संगठित होती हैं, तो वे समाज में बदलाव ला सकती हैं।
यह समारोह इस बात का प्रमाण था कि चास की महिलाएं न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत में प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं। इस उत्सव ने नारी सशक्तिकरण की भावना को और मजबूत किया और भविष्य के लिए एक नई ऊर्जा प्रदान की।
समापन संदेश: एक नई शुरुआत की ओर!
स्वर्ण जयंती समारोह केवल 50 वर्षों की उपलब्धियों का उत्सव नहीं था, बल्कि यह अगले 50 वर्षों की नई शुरुआत का भी संकल्प था।
🚀 यह आयोजन यह संदेश देता है कि:
✅ महिलाएं सक्षम हैं और उन्हें खुद को पहचानने की जरूरत है।
✅ संघर्ष के बिना सफलता नहीं मिलती, और हौसला ही जीत की पहली सीढ़ी होती है।
✅ समाज में बदलाव लाने के लिए महिलाओं को खुद आगे आना होगा और नेतृत्व करना होगा।
👉 “अगर नारी अपने हुनर को पहचान ले, तो उसकी आवाज न केवल चास और झारखंड, बल्कि पूरे विश्व में गूंजेगी!”
🚀 इसे पढ़ें, शेयर करें और नारी शक्ति को सलाम करें! 🔥💃
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