
रामनवमी 2025: बजरंग विजय समिति का भव्य आयोजन और महिलाओं के अखाड़े की शुरुआत
जय श्री राम!
रामनवमी पर्व, जो हर साल हिन्दू धर्म में विशेष रूप से मनाया जाता है, इस बार और भी भव्य होने जा रहा है। बजरंग विजय समिति द्वारा इस पर्व को लेकर आयोजित बैठक में कई नए बदलाव और आकर्षण की घोषणा की गई है। आइए जानते हैं रामनवमी 2025 के इस अद्भुत आयोजन के बारे में।
रामनवमी की विशेष बैठक: 6 अप्रैल को मनाया जाएगा पर्व

6 अप्रैल 2025, रविवार को रामनवमी के पर्व को लेकर बजरंग विजय समिति द्वारा एक महत्त्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में समिति के संस्थापक एवं अध्यक्ष श्री शंभू सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि इस बार आयोजन में कुछ नई चीजें जोड़ी जा रही हैं।
30 बड़े अखाड़ों का स्वागत और महिलाओं के अखाड़े की शुरुआत

इस साल रामनवमी के अवसर पर 30 बड़े अखाड़ों का स्वागत किया जाएगा, जिनका नेतृत्व मुख्य रूप से गर्म जोशी द्वारा किया जाएगा। इन अखाड़ों की टोलियां विभिन्न इलाकों से होते हुए राम मंदिर पहुंचेंगी, जहां पर समापन होगा। खास बात यह है कि इस बार महिलाओं का अखाड़ा भी आकर्षण का केंद्र होगा, जिसे पहले कभी इस आयोजन में शामिल नहीं किया गया था।
शंभू सिंह ने कहा, “हम इस बार महिलाओं के अखाड़े को भी आयोजन में शामिल कर रहे हैं, जिससे यह आयोजन और भव्य बनेगा।” यह पहल निश्चित रूप से एक नया रंग देने वाली है, क्योंकि महिलाएं भी इस महान अवसर का हिस्सा बन रही हैं।
रामनवमी 2025 के लिए तैयारियाँ शुरू
रामनवमी 2025 के आयोजन के लिए तैयारियाँ जोरों पर हैं। समिति के सदस्य और नगरवासी इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके अलावा, खेलों और झांकियों के प्रदर्शन के लिए भी विशेष व्यवस्था की जा रही है।
साहू जी को खेलों के प्रदर्शन और उनके सिखाने का जिम्मा सौंपा गया है, वहीं अजय कुमार झांकियों की व्यवस्था संभालेंगे। इस बार झांकी में राम, लक्ष्मण, सीता और जादूगर की अद्भुत झांकी देखने को मिलेगी।
सभी नगरवासियों से अपील

शंभू सिंह ने सभी नगरवासियों से अपील की है कि वे इस आयोजन में बड़ी संख्या में शामिल होकर इसे सफल बनाएं। उन्होंने कहा, “हम सभी से आग्रह करते हैं कि अधिक से अधिक संख्या में राम मंदिर पहुंचकर इस कार्यक्रम को सफल बनाएं।”
समिति ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस साल बाजा और माइक की व्यवस्था बेहतर तरीके से की जाएगी, ताकि पूरे नगर में ध्वनि और संगीत का आनंद लिया जा सके।
संस्कृति और श्रद्धा का संगम

इस आयोजन का सबसे खास पहलू यह है कि यह न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हमारे समाज की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का भी अद्भुत संगम है। हर साल की तरह इस बार भी पूरा नगर रंगीन अबीर और गुलाल में सराबोर होगा, और सभी एक साथ मिलकर श्रीराम की पूजा अर्चना करेंगे।
आइए, इस रामनवमी पर हम सब मिलकर जय श्रीराम का उद्घोष करें और इस आयोजन को यादगार बनाएं!
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