
बोकारो, शनिवार। दुर्गा पूजा का उत्सव जिले भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। पूजा पंडालों और डांडिया आयोजनों से शहर का माहौल रंगीन है। लेकिन इसी बीच प्रशासन की ओर से एक सख्त संदेश आया है।
उपायुक्त श्री अजय नाथ झा ने आयोजकों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति केवल सामाजिक और सांस्कृतिक उद्देश्य के लिए है। यदि आयोजक इस अनुमति का दुरुपयोग करते हैं और कार्यक्रमों में अश्लीलता या अनुशासनहीनता फैलाते हैं, तो उन पर नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
✦ हालिया विवाद ने बढ़ाई चिंता

बीते दिनों बोकारो शहर के नयामोड़ स्थित वेस्टर्न फार्म में डांडिया का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध भोजपुरी अभिनेत्री अम्रपाली दुबे ने स्टेज पर प्रस्तुति दी। आरोप है कि उन्होंने कई अश्लील गानों पर डांस किया, जिससे पूरे शहर में भारी नाराज़गी देखने को मिली।
👉 इसके बाद सोशल मीडिया पर “अश्लील डांडिया बॉयकॉट” का शोर तेज हो गया। लोग लिखने लगे कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के नाम पर अश्लीलता फैलाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
✦ औदात्यपूर्ण माहौल बनाए रखना आयोजकों की जिम्मेदारी

उपायुक्त ने कहा कि पूजा पंडालों और डांडिया जैसे कार्यक्रमों का असली उद्देश्य सामाजिक सौहार्द्र और सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देना है। यदि आयोजक उद्देश्य से भटकते हैं और ऐसा प्रदर्शन करते हैं जो समाज की भावनाओं को आहत करता है, तो यह न केवल जिले की छवि धूमिल करेगा बल्कि प्रशासन भी चुप नहीं बैठेगा।
✦ चास और बेरमो एसडीओ को मिले कड़े निर्देश
उपायुक्त ने चास और बेरमो अनुमंडल पदाधिकारी को आदेश दिया है कि –
- हर आयोजन पर सख्त निगरानी रखी जाए।
- यदि आयोजकों द्वारा नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो तुरंत जांच हो।
- दोषियों पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए।
✦ जिला प्रशासन का साफ संदेश

“अनुमति का दुरुपयोग किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का स्वरूप शालीन, औदात्यपूर्ण और समाज को जोड़ने वाला होना चाहिए।” – अजय नाथ झा, उपायुक्त बोकारो
✦ जनता की प्रतिक्रिया
इस पूरे विवाद के बाद शहरवासी भी प्रशासन के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि दुर्गा पूजा और डांडिया संस्कृति और परंपरा का प्रतीक हैं। इन्हें मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता का अड्डा बनाने की किसी को अनुमति नहीं दी जा सकती।
✍️ निष्कर्ष
बोकारो प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों में अश्लीलता और अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी। आयोजकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी, अन्यथा सीधी कार्रवाई तय है।
➡️ नयामोड़ वेस्टर्न फार्म में हुए विवाद के बाद प्रशासन का यह रुख और भी अहम हो जाता है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में आयोजक कितनी गंभीरता से नियमों का पालन करते हैं।

