

18 जुलाई 2025 — एक दिन जो बोकारो जिले के चास मुफस्सिल थाना क्षेत्र के इतिहास में एक और हाई-प्रोफाइल ठगी और लूट की वारदात के रूप में दर्ज हो गया।
दिनदहाड़े, धोखाधड़ी का ऐसा मामला सामने आया जिसने न सिर्फ जिले के व्यापारिक और बैंकिंग जगत को झकझोर दिया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि ठगी और साइबर फ्रॉड का नेटवर्क अब गांव-कस्बों तक अपनी जड़ें फैला चुका है।
🎭 ठगी की पटकथा: 65 लाख भेजो, 1.30 करोड़ नकद पाओ!
इस पूरी वारदात की शुरुआत होती है रांची निवासी अभय आनंद से।
उन्हें एक प्रस्ताव मिला — अगर वे 65 लाख रुपये RTGS के माध्यम से ट्रांसफर करते हैं, तो बदले में उन्हें 1.30 करोड़ रुपये नकद दिए जाएंगे।
यह सौदा सुनने में जितना आकर्षक लगा, असल में उतना ही खतरनाक साबित हुआ।
सौदे की जगह तय हुई — धनबाद के कुमारडूबी का एक सुनसान इलाका, जहां अभय आनंद को मिलने बुलाया गया।
वहाँ पहले से मौजूद कुछ लोग उन्हें फल के डिब्बों में नकली नोट दिखाते हैं ताकि भरोसा कायम हो जाए। और जैसे ही पैसा ट्रांसफर होता है —
VENUE और स्कॉर्पियो जैसी लग्ज़री गाड़ियों में बैठकर ठग फरार हो जाते हैं।
यह सब कुछ पूरी प्लानिंग और प्रोफेशनल तरीके से किया गया, मानो किसी फिल्म की कहानी हो।
🕵️♂️ अनुसंधान में हुआ खुलासा: एक संगठित ठग गिरोह सक्रिय!

जैसे ही पीड़ित अभय आनंद ने चास मुफस्सिल थाना में शिकायत दर्ज कराई, पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए कांड संख्या 101/25 के तहत कार्रवाई शुरू कर दी।
जांच में सामने आया कि यह कोई एक व्यक्ति या दो लोगों की ठगी नहीं थी, बल्कि एक संगठित गिरोह (Organized Criminal Gang) की साजिश थी।
🧠 गिरोह की कार्यशैली:
- फर्जी कंपनियों के नाम पर देशभर के बैंकों में खाते खुलवाना
- अलग-अलग जिलों में ठिकाने
- सोशल इंजीनियरिंग और फाइनेंशियल स्कीम का लालच देकर शिकार चुनना
- नकली नकदी दिखाकर फँसाना
- नकद सौदे की लालसा में सीधे RTGS करवाना
- फिर गाड़ियों में बैठकर फरार हो जाना
👥 मुख्य आरोपी कौन हैं?
पुलिस द्वारा जारी सूचना के अनुसार, इस गिरोह के प्रमुख सदस्य हैं:
- सुदर्शन कुमार उर्फ बंटी सिंह
- रितिक सिंह
- विक्की खान
- नरेश मंडल
- अमित साव
इन सभी पर पहले से भी आर्थिक अपराध, धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हैं। ये झारखंड और पश्चिम बंगाल के बोकारो, जामताड़ा, देवघर और धनबाद जैसे जिलों में सक्रिय हैं।
🚨 SP बोकारो की रणनीति: तेजी, सटीकता और सफलता
जैसे ही मामला सामने आया, बोकारो के पुलिस अधीक्षक (SP) ने तुरंत एक विशेष छापेमारी टीम का गठन किया।
यह टीम बिना समय गंवाए चार जिलों —
बोकारो, जामताड़ा, धनबाद और देवघर में सक्रिय हो गई।
🔍 अब तक की बड़ी उपलब्धियाँ:

✅ ₹ 34 लाख 50 हजार नकद बरामद
✅ कई लग्जरी गाड़ियाँ जब्त
✅ फर्जी दस्तावेज, बैंकों की चेकबुक और मोबाइल फोन ज़ब्त
✅ गिरोह की पिछली ठगी की घटनाओं का खुलासा — जिसमें
- एक में ₹38 लाख
- और दूसरी में ₹15 लाख की ठगी की गई थी
⚠️ सावधान! ऐसा लालच सिर्फ नुकसान देता है
इस घटना के बाद पुलिस ने आम नागरिकों को चेतावनी दी है कि:
- नकद में बड़े सौदे से बचें
- RTGS, UPI या ऑनलाइन पेमेंट करने से पहले पूरा सत्यापन करें
- किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा दिया गया “ज्यादा देने का वादा” हमेशा एक जाल होता है
- यदि कोई संदेह हो तो तुरंत पुलिस को सूचना दें
📣 जनता से अपील और चेतावनी
इस केस ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि अपराधी अपने तरीके बदलते जा रहे हैं, लेकिन उनका असली हथियार है — “लालच”।
बोकारो पुलिस की तेज कार्रवाई ने जहां इस ठगी को उजागर कर दिया, वहीं जनता को भी सतर्क रहना जरूरी है।
📝 निष्कर्ष:
65 लाख की ठगी, एक संगठित गिरोह और बोकारो पुलिस की शानदार कार्रवाई — इस केस ने राज्यभर में साइबर अपराध और नकद ठगी की घटनाओं को गंभीरता से लेने की दिशा में बड़ा संदेश दिया है।
बोकारो SP की अगुवाई में पुलिस की सतर्कता ने एक बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, और कई लोगों को संभावित नुकसान से बचा लिया।
📌 अगर आपके पास इस गिरोह से जुड़ी कोई सूचना है, तो अपने नजदीकी थाना या साइबर सेल से तुरंत संपर्क करें।
#CyberFraud #trending_crime_case #RTGSCam #BokaroPolice #CrimeAlert #SPBokaro #सच्चीखबर #BokaroNews #BreakingNews #ViralNews #VoiceOfBokaro #BokaroSteelCity #bokarokiawaaj