
बोकारो: झारखंड कांट्रैक्टर्स एसोसिएशन द्वारा जिले में निविदा प्रक्रिया में अनियमितताओं को लेकर एक निजी होटल में प्रेस वार्ता आयोजित की गई। इस बैठक की अध्यक्षता एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार ने की, जिसमें सदस्यों ने जिले के सिविल सर्जन से मुलाकात कर इस मुद्दे पर जानकारी मांगी।
उपायुक्त कार्यालय में सुनवाई नहीं

सिविल सर्जन से संतोषजनक जवाब न मिलने पर एसोसिएशन के सदस्य उपायुक्त कार्यालय पहुंचे, लेकिन उपायुक्त क्षेत्र भ्रमण पर होने के कारण मुलाकात संभव नहीं हो सकी। इसके बाद एसोसिएशन ने प्रेस वार्ता के माध्यम से अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
निविदा प्रक्रिया पर सवाल
एसोसिएशन ने बताया कि निविदा दस्तावेजों की जांच करने पर यह प्रतीत होता है कि पूरी प्रक्रिया किसी विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई है। निविदा शर्तों में अति अल्पकालिक समय सीमा, 10 दिनों के अंदर निविदा प्रक्रिया पूरी करने की बाध्यता और 50 अंकों का एजेंसी के प्रस्तुतीकरण पर आधारित मूल्यांकन, संदेह उत्पन्न करता है।
स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों की अवहेलना
स्वास्थ्य विभाग, झारखंड द्वारा पूर्व में जारी किए गए मॉडल निविदा दस्तावेजों का पालन अब तक सभी जिलों में किया जाता रहा है। एसोसिएशन का आरोप है कि बोकारो में पहली बार इन दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए एक नई प्रक्रिया अपनाई गई है, जो नियमों के खिलाफ है।
ऑनलाइन निविदा के स्थान पर ऑफलाइन प्रक्रिया
एसोसिएशन के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि सभी निविदाएं ऑनलाइन मोड में ही जारी की जाएं, लेकिन बोकारो में इस नियम की अनदेखी कर ऑफलाइन निविदा जारी की गई, जिससे पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं।
अधिकारियों की भूमिका पर संदेह
एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि उपायुक्त महोदया ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के निर्देशों को दरकिनार कर पूरी प्रक्रिया अपने नियंत्रण में रखी है। इससे यह संदेह होता है कि किसी विशेष एजेंसी को लाभ पहुंचाने की मंशा से यह कदम उठाया गया है।
अगली कार्रवाई पर विचार
प्रेस वार्ता में यह स्पष्ट किया गया कि एसोसिएशन इस मुद्दे को उच्च स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है। यदि प्रशासन इस विषय पर निष्पक्ष जांच नहीं करता है, तो न्यायालय का दरवाजा खटखटाने से भी परहेज नहीं किया जाएगा।
निष्कर्ष
बोकारो में निविदा प्रक्रिया को लेकर ठेकेदारों में भारी असंतोष है। यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो यह विवाद और बढ़ सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस पर तत्काल संज्ञान ले और पारदर्शिता सुनिश्चित करे।