

बोकारो जिले के अस्पतालों में राइडर्स आउटसोर्सिंग कंपनी के कर्मियों द्वारा की गई हड़ताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। हड़ताल का यह संकट अब चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है, और इसके कारण अस्पतालों की साफ-सफाई की स्थिति सबसे अधिक खराब हो गई है। मरीजों, चिकित्सकों और अस्पताल के कर्मियों को इससे भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
अस्पतालों में बढ़ती गंदगी और दुर्गंध
सदर अस्पताल, चास अनुमंडल अस्पताल और सीएचसी चास जैसी प्रमुख स्वास्थ्य केंद्रों में गंदगी और दुर्गंध की स्थिति ने एक संकट का रूप ले लिया है। अस्पतालों के वार्डों में सफाई न होने के कारण मरीजों और स्टाफ को गंभीर असुविधा हो रही है। दुर्गंध से न केवल वातावरण खराब हो रहा है, बल्कि संक्रमण का खतरा भी बढ़ रहा है।
हड़ताल का असर: मरीजों और चिकित्सकों की परेशानियां
इस हड़ताल के कारण अस्पतालों में साफ-सफाई की व्यवस्था पूरी तरह से बिगड़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप मरीजों के परिजनों को खुद ड्रेसिंग करने की स्थिति उत्पन्न हो गई है। चिकित्सकों और कर्मियों के लिए यह स्थिति न केवल कार्य में बाधा डाल रही है, बल्कि उनकी सेहत पर भी प्रतिकूल असर डाल सकती है। हड़ताल के कारण सिजेरियन डिलीवरी भी प्रभावित हो रही है, और वार्डों में बिस्तर की गंदगी से मरीजों को असहनीय स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
कर्मियों की मांगे: बकाया वेतन और पीएफ की समस्या
कर्मियों का कहना है कि उनकी मुख्य मांगें पूरी नहीं हो रही हैं, जिनमें बकाया वेतन, पीएफ और अन्य भत्ते शामिल हैं। वे आठ महीने से बिना वेतन के काम कर रहे हैं, जिससे उनके परिवारों की स्थिति और भी विकट हो गई है। कर्मियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे हड़ताल जारी रखेंगे। उनका कहना है कि प्रशासन का रवैया काफी उदासीन है और बार-बार उन्हें तारीख पर तारीख दी जा रही है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
प्रशासन का जवाब: वैकल्पिक व्यवस्था
प्रशासन का कहना है कि अस्पतालों में साफ-सफाई के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। अस्पतालों में कर्मचारियों की हड़ताल के कारण वैकल्पिक व्यवस्था भी पूरी तरह से विफल साबित हो रही है। साफ-सफाई की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, और अस्पतालों में संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।
समाधान की आवश्यकता
यह हड़ताल बोकारो जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। प्रशासन और हड़ताली कर्मियों के बीच संवाद और समाधान का रास्ता ढूंढना बेहद जरूरी हो गया है। अगर जल्दी कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता, तो यह संकट और भी गंभीर हो सकता है, जिससे मरीजों को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
समाप्ति में, बोकारो की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने और मरीजों की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन और कर्मियों को मिलकर काम करना होगा। यह समय है, जब प्रशासन को स्वास्थ्य सेवा की गंभीर स्थिति को समझते हुए उचित कदम उठाने होंगे, ताकि भविष्य में इस तरह के संकट से बचा जा सके।